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Wednesday, February 25, 2015

Recruitment scam: MP governor expected to quit after being named in FIR

Recruitment scam: MP governor expected to quit after being named in FIR

VYAPAM BHRTEE GHOTAL MEIN GOVERMOR KE NAAM FIR, DER SHAM TAK ISTEEFA

NEWS SOURCE SABHAR : HT Correspondents, Hindustan Times, Bhopal | Updated: Feb 25, 2015 01:02 IST

Madhya Pradesh governor Ramnaresh Yadav. (HT photo)

Madhya Pradesh governor Ramnaresh Yadav is expected to resign by Wednesday evening after being booked in the multi-layered examination and recruitment scam, which would make him the biggest casualty of the most high-profile scandal to hit Madhya Pradesh.

Yadav is left with little choice after the Union home ministry sent a communication to the governor asking him to quit, sources said.

There was intense activity at the Governor House since Wednesday morning, though there was no official word on the latest developments in the professional examination board (PEB) scam.

The sources said there was a likelihood of Yadav putting in his papers by the end of the day.

In Delhi, officials confirmed that Yadav had been asked to quit and said the home ministry could take steps for his removal if he did not resign.

"If the governor, who is facing serious charges, refuses to quit, the home ministry may initiate the process for his removal," said a government official who did not want to be named.

"We hope that in keeping with maintaining the dignity of the high post he holds, the governor will put in papers," the official said.

On Tuesday, the special task force (STF) of Madhya Pradesh police, which is investigating the PEB scam, registered an FIR against Yadav and 100 others over alleged irregularities in a 2013 recruitment test for forest guards.

The governor was charged with recommending the names of three candidates for recruitment after allegedly taking Rs 4 lakh from each of them, officials said. Eighty-six candidates in the examination are also among the accused.

The governor’s is by far the biggest name in the scam that included the rigging of several recruitment and entrance tests conducted by the state government’s PEB in 2012 and 2013. The scam first emerged in July 2013 and more than 1,800 arrests have been made so far.

Sources in the Union home ministry said a message has been sent to Yadav that his position had become untenable in light of the FIR against him. The government official said the home ministry's position had been very clearly conveyed to ?Yadav – he would have to go.

The FIR against Yadav, a former leader of the Janata Party who joined the Congress and a former chief ? minister of Uttar Pradesh, was registered under sections of the Indian Penal Code, including section 420 for cheating. He was also been booked under the Prevention of Corruption Act.

The FIR was registered after the Madhya Pradesh high court, which is supervising the probe into the PEB scam, said on February 20 that the STF was free to take action against a “high dignitary” whose name figured in the scandal.

Yadav was appointed governor in 2011 and his tenure is set to end on September 2016.

NEWS SABHAR : HINDUSTAN TIME 25.02.2015

Monday, June 9, 2014

Shiksha Mitra , TET, Recruitment in UP शिक्षा मित्र और टी ई टी / व उत्तर प्रदेश में भर्तीयां


Shiksha Mitra , TET, Recruitment in UP
शिक्षा मित्र और टी ई टी / व उत्तर प्रदेश में भर्तीयां

मुझे यह समझ नहीं आता की नियम कानून को समझते हुए भर्तीयां क्यों नहीं आयोजित की जाती ।

इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच पहले ही टी ई टी को आर टी ई शिक्षा के लिए अनिवार्य बता चुकी है
आर टी ई एक्ट में नियम कानून बनाने के लिए एन सी टी ई को अधिकृत किया है और एन सी टी ने कक्षा  1 से लेकर कक्षा 8 तक
के शिक्षको के लिए टी ई टी जरूरी कर दिया है और इसी के अंतर्गत केंद्र सरकारें व राज्य सरकारें सारे देश भर में टी ई टी परीक्षाएं आयोजित करती चली आ रही हैं
फिर एक नया मामला कोर्ट में और विवादों में जाने वाला है

जूनियर भर्ती में भी टी ई टी मार्क्स का वेटेज क्यों नहीं दिया , यह समझ से परे है
मैंने कई बार ब्लॉग पर नियमो व् एन सी टी ई गाइड लाइन की बात लिखी और लिखा था की अगर टी ई टी सिर्फ पात्रता परीक्षा है तो इसके नियमो में
दोबारा परीक्षा दे कर अंक वृद्दि के बारे में क्यों लिखा है , एक बार पात्र हो चुके व्यक्ति को दोबारा से परीक्षा में शामिल होने के क्यों कहा गया ,
बेरोजगार अभ्यर्थी बार बार परीक्षा क्यों दे और उसकी फीस क्यूँ भरे ,
हालाँकि अभी अपवाद भी देखने सुनने में आये हैं की के वी एस और डी एस एस बी ने अपनी भर्ती में टी ई टी अंको के वेटेज की बात नहीं लिखी


पुलिस भर्ती में बीच में नियम परिवर्तित करके 10 किलो मीटर दौड़ की जगह 4. 2 किलो मीटर कर देना और बीच में नियम परिवर्तित हो जाना

जब नियम बीच में परिवर्तित होते हैं और नियमो में कहीं कमी छोड़ दी जाती है तो भर्ती का लटकना स्वाभाविक है


मेरे ख्याल से शिक्षा मित्रो को अगर तत्काल राहत देनी है तो उनके मानदेय में वृद्दि की जा सकती है , व छुट्टियां , बोनस , इन्सुरेंस आदि की व्यवस्था की
जा सकती है ,
क्यूंकि अगर मामला कोर्ट में पहुँचता है तो समायोजन उलझ सकता है , चूँकि मुख्य मसला तो आर टी आई एक्ट , एन सी टी ई टेट नियम और इलाहबाद हाई कोर्ट की  ट्रिपल बेंच के साथ पहले ही अटका हुआ है 

हालाँकि शिक्षा मित्रों ने केवीट दाखिल की हुई है , लेकिन कोर्ट में कितना समय लगेगा , कुछ पता नहीं  



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बीटीसी प्रशिक्षु कर सकते है आंदोलन

हाथरस : शिक्षामित्रों को बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा के शिक्षक बनाने के मामले में अब बीटीसी प्रशिक्षुओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है। लगातार बैठक आदि करके प्रशिक्षु अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं। शनिवार को सैकड़ों बीटीसी प्रशिक्षुओं ने चांमुडा मंदिर में बैठक की।

शासन ने स्नातक पास शिक्षा मित्रों को बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा दिए ही शिक्षक बनाने का फैसला कर लिया है, जिससे तमाम बीटीसी प्रशिक्षुओं और बीएड धारकों में आक्रोश है। एक ओर जहां शिक्षामित्र सरकार के इस निर्णय पर मिठाई वितरित कर हर्ष व्यक्त कर रहे हैं। बीटीसी प्रशिक्षु प्रदेश सरकार के इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बीटीसी प्रशिक्षुओं की हुई। कहा गया कि सरकार के इस निर्णय से बीटीसी प्रशिक्षुओं का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा, क्योंकि अधिकतर सीटों को शिक्षामित्र घेर ले लेंगे। शासन में बैठे अधिकारियों को चाहिए कि वह शिक्षामित्रों को पहले टीईटी की परीक्षा दिलाएं, जो उसे पास कर लें उसे शिक्षक बनने का मौका दें। बैठक में डायट के अलावा कृष्ण योगीराज महा विद्यालय, सुशीला देवी, नारायणी देवी, माया इंस्टीट्यूट सहित कई अन्य विद्यालयों के बीटीसी प्रशिक्षु मौजूद रहे। निर्णय लिया गया कि सरकार कोई बदलाव नहीं करती तो प्रशिक्षु कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बैठक के बाद प्रशिक्षु जिला मुख्यालय पर पहुंचे। सीएम को संबोधित ज्ञापन अपर जिला अधिकारी उदयीराम को दिया। ज्ञापन देने वालों में शिवा यादव, नीलम चौधरी, कुलदीप, बंटी सिंह आदि प्रशिक्षु मौजूद रहे।



News Sabhaar : Jagran ( Publish Date:Sunday,Jun 08,2014 12:35:24 AM | Updated Date:Sunday,Jun 08,2014 12:35:46 AM