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Saturday, September 7, 2013

Outsourcing of Group D Employees is Unconstitutional : ग्रुप डी की भर्तियां बंद करना अवैधानिक


Outsourcing of Group D Employees is Unconstitutional : ग्रुप डी की भर्तियां बंद करना अवैधानिक
चतुर्थश्रेणी पदों पर ‘आउट सोर्सिंग’ संबंधी शासनादेश रद्द

इलाहाबाद। सरकारी विभागों में चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति बंद करने के फैसले को हाईकोर्ट ने अवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा जारी आठ सितंबर 2010 के शासनादेश के पैरा दो को अवैधानिक और असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। इस आदेश के बाद से चतुर्थश्रेणी पदों पर आउट सोर्सिंग से काम कराने के सरकारी मंसूबे पर पानी फिर गया है। पुलिस विभाग में खानसामा और सफाईकर्मियों के पदों पर नियुक्ति के मामले में दाखिल की गई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने कहा कि सरकार का यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 14, और 16 के विपरीत होने के कारण असंवैधानिक है
‘आउट सोर्सिंग’ पर विस्तार से चर्चा करते हुए न्यायालय ने कहा कि इसका अर्थ है कि सरकार चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों का कार्य मजदूर सप्लाई करने वाले ठेकेदारों के द्वारा कराना चाहती है। इस व्यवस्था से सिस्टम में तीसरे पक्ष का भी प्रवेश होगा। जाहिर है कि सरकार सेवा उपलब्ध कराने के लिए बाहर के लोगों का सहारा लेगी जिसके लिए उसे सेवाकर भी चुकाना होगा। इसलिए यह निर्णय मनमाना, अतार्किक और अकारण है तथा संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 के विपरीत है
चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए सरकार ने विधायन बनाया है। इस वैधानिक व्यवस्था को एक शासनादेश के माध्यम से समाप्त करने को कोर्ट ने अवैधानिक करार दिया है।
पुलिस विभाग में चतुर्थश्रेणी के पदों पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों रावेंद्र सिंह और अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति अग्रवाल ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया है कि दो माह के भीतर याचीगणों को नियुक्तिपत्र जारी कर दिया जाए। याचीगणों ने खानसामा और सफाईकर्मी के पद पर आवेदन किया था। उनका चयन हो गया और सत्यापन भी करा लिया गया। इसके बाद भी नियुक्तिपत्र नहीं दिया गया। प्रदेश सरकार का कहना था कि छठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को स्वीकार करते हुए उसने ग्रुप डी के पदों पर नियुक्ति बंद कर दी है। इन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को गुप सी में प्रोन्नति दी जाएगी


News Sabhaar : अमर उजाला (7.9.13)
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Outsourcing recruitment happens in whole India. Many recruitments in India happens on contractual basis - Teachers , Doctors, Engineers etc.

Almost all government sectors are taking work from outsource employees.

Tuesday, August 20, 2013

UP Cleaner /Sweeper Recruitment Man Cancel सफाईकर्मियों की भर्ती होगी निरस्त


 UP Cleaner /Sweeper Recruitment Man Cancel  सफाईकर्मियों की भर्ती होगी निरस्त!


Recruitment started during BSP Govt in UP, and now it may going to cancel

•चयन में शासनादेश के उल्लंघन से बढ़े आसार
•तीन माह पूर्व हुए 25 पदों के लिए इंटरव्यू


सुल्तानपुर। पंचायतराज विभाग में निशक्त सफाई कर्मियों के 25 पदों पर हुए साक्षात्कार के निरस्त होने के आसार हैं। करीब तीन माह पूर्व हुए इंटरव्यू
के बाद भर्ती प्रक्रिया में कई शिकायतें डीएम को मिली थीं। चयन में गाइडलाइन की अनदेखी की भी बात सामने आई है। हालांकि अंतिम निर्णय डीएम को लेना है

पंचायतराज विभाग में निशक्त सफाई कर्मियों के 25 पदों पर भर्ती के लिए हुए साक्षात्कार पर खतरा मंडराने लगा है। भर्ती में कई अनियमितता बरते जाने की शिकायतें डीएम को मिली थीं। 
सूत्रों की मानें तो बसपा सरकार के समय निकाले गए विज्ञापन के आधार पर करीब दो वर्ष बाद सपा शासन में पंचायतराज अधिकारी ने भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। भर्ती के लिए सपा शासन में आवेदन नहीं मांगे गए थे। सपा सरकार ने सफाई कर्मियों की भर्ती की उम्र पंाच वर्ष बढ़ा दी गई थी, लेकिन पंचायतराज विभाग में इसका पालन नहीं किया गया। पुराने आवेदन पर शुरू हुई भर्ती की प्रक्रिया में नए आवेदन नहीं लिए जाने से पांच वर्ष अधिक उम्र वाले पात्र आवेदन से वंचित रह गए। इसके अलावा भी कुछ शिकायतें डीएम को मिली थीं। इस पर डीएम ने करीब तीन माह पूर्व हुए साक्षात्कार के परिणाम को रोक दिया है। सफाई कर्मियों की भर्ती के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में गठित समिति में एक भी अल्पसंख्यक सदस्य के शामिल नहीं होने से चयन समिति पर ही सवाल उठे हैं। इन गड़बड़ियों को देखते हुए सफाई कर्मियों के 25 पदों की भर्ती के निरस्त होने की आशंका बढ़ गई है। नतीजे रोके जाने की एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने पुष्टि की है।

1800 ने किया था आवेदन
बसपा सरकार के समय पंचायतराज विभाग से निशक्त सफाई कर्मियों के लिए मांगे गए आवेदन में करीब 1800 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था। उस दौरान भी अनियमितता की शिकायतों पर इस भर्ती पर रोक लग गई थी। सरकार बदलने पर तत्कालीन डीपीआरओ परवेज आलम ने बसपा सरकार में आए आवेदन के आधार पर अभ्यर्थियों की छंटनी कर 475 को साक्षात्कार के लिए बुला लिया। 10 से 12 मई तक अभ्यर्थियों का टेस्ट व साक्षात्कार हुआ था। इनसेट-
डीएम करेंगी निर्णय
इस संबंध में जिला पंचायतराज अधिकारी हरिकेश बहादुर ने कहा कि परिणाम अभी घोषित नहीं किया गया है। यदि नतीजे रोके नहीं गए होते तो अब तक घोषित हो जाते। निर्णय डीएम के स्तर पर है।


News Sabhaar : अमर उजाला (20.8.13)